ज़ाकिर नाइक और असदुद्दीन ओवैसी के बयानों पर इन दिनों पटना का पारा
इस क़दर ऊपर चढ़ा है कि बारिश की लगातार गिरती तेज़ धार भी इसे नीचे नहीं गिरा पा
रही है। पटना की सड़कों पर पाकिस्तान ज़िदाबाद के कथित नारे के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी
बाढ़ की तरह सीमाएं तोड़ रही है। मचे हंगामे को कोई जेएनयू में कथित देशद्रोही
नारों की अगली कड़ी बताकर परेशान हो रहा है तो कोई मुसलमानो की आवाज़ दबाए जाने की
नई कोशिश बताकर चिंतित है। मामले की आंच यूपी चुनाव तक पहुंच रही है। लेकिन एक आम
भारतीय या बिहारवासी की नज़र से देखें तो इन दोनो तरह की चिंताओं से परे उसकी
चिंता शांतिपूर्ण ज़िदगी में उथल-पुथल की दस्तक को लेकर है। वे हिंदू और मुसलमान
जो ओवैसी के बयानो पर माथापच्ची करने से ज्यादा रोज़ी-रोटी और भाईचारे को तवज्जो
देते हैं आज उनके माथे पर शिकन ज्यादा है। ज़ाकिर के पीस टीवी और उनके कथित भड़कीले
भाषणों का, इस प्रकरण से पहले, जिस हिंदू-मुसलमान ने नाम तक नहीं सुना था, दरअसल
वो इंसान ज्यादा चिंतित है।
Sunday, July 17, 2016
Sunday, July 3, 2016
बिहार में एनडीए को तोड़ डालेंगे लालू !
जीतनराम मांझी की इफ्तार पार्टी में लालू और तेजस्वी |
बिहार में महागठबंधन बनाकर जबर्दस्त ढंग से सत्ता में वापसी करने वाले
लालू प्रसाद अब सूबे में एनडीए को तोड़ने में कामयाब होते दिख रहे हैं। लालू इफ्तार
पार्टी के बहाने ‘हम’ के राष्ट्रीय
अध्यक्ष जीतन राम मांझी से गलबंहिया कर उन्हें गुरूमंत्र दे आए थे। सूबे की जनता
ने लालू के मंत्र का प्रभाव तुरंत देख लिया। मांझी महागठबंधन के कुनबे में शामिल
होने को बेताब दिखने लगे हैं। उधर, अंतर्कलह में फंसकर टूटने के कगार पर पहुंच
चुकी रालोसपा की परिस्थितियों ने भी लालू की हौसला अफ़जाई कर दी है। इन घटनाक्रमों
से उत्साहित लालू ने अपने चिर प्रतिद्वंदी रामविलास पासवान को बूढ़ा घोषित करते
हुए एक और पासा फेंका है। ऐसे में अब बिहार में एनडीए उलझता हुआ साफ दिख रहा है।
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