Thursday, July 27, 2017

बिहारः नीतीश के पाला बदलने के बाद क्या टूटेगा जदयू !

शरद यादव (साभार फाइल फोटो)
नीतीश कुमार के महागठबंधन से निकलकर एनडीए में शामिल होने के बाद जदयू में फूट की आशंका जताई जा रही है. अली अनवर और शरद यादव के नेतृत्व में असंतुष्ट विधायकों की बैठक दिल्ली में बुलाए जाने की संभावना जताई जा रही है. इसको देखते हुए नीतीश कुमार ने इस्तीफे के तुरंत बाद भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा कर दिया था. रातो-रात शपथ ग्रहण का समय तय कर दिया गया. गुरुवार की सुबह नीतीश और सुशील मोदी ने शपथ ले भी ली. उधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार नीतीश और भाजपा पर हमले कर रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल की भूमिका पर भी टिप्पणी की है. सत्ता जाने से बौखलाए राजद के पास जदयू को तोड़ने की कोशिश के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है. उधर, जदयू भी खामोश नहीं बैठी है. टूट या तोड़ने की खबर के पीछे दरअसल नेताओं के व्यक्तिगत नफे-नुकसान की भावना भी काम कर रही है.

बिहारः भाजपा का लालू परिवार पर वार, अबकी बार आर या पार !

तेजस्वी, लालू व राबड़ी (साभार फाइल फोटो)
करीब चार साल बेदखल रहने के बाद आखिरकार भाजपा बिहार में सत्ता में वापस आ गई है. इस बार उसे सीधे लालू से पंगा लेना पड़ा. उसने भ्रष्टाचार पर वार के बहाने नीतीश को अपने खेमे में करने की कवायद शुरू की. उसने नीतीश को एनडीए में लौटने की वजह दी या कहें कि मजबूर किया. लालू का परिवार भ्रष्टाचार के आरोपों में बुरी तरह घिर चुका है. भाजपा की रणनीति उसे किसी भी तरह से इस चक्रव्यूह से निकलने से रोकने की होगी. लालू, राबड़ी, मीसा, तेजस्वी समेत परिवार का हर महत्वपूर्ण सदस्य कानूनी तौर पर फंस चुका है. उनका इससे निकल पाना बेहद मुश्किल है. हालांकि मामले का दूसरा पक्ष यह भी है कि सारे आरोपों के बावजूद लालू का जनाधार बिहार में कम नहीं हुआ है. पिछले कई उदाहरण हैं जिनमें वे संकट से निकलकर फिर से सत्ता में आते रहे हैं.

Saturday, July 22, 2017

बिहारः कितनी बची है नीतीश-लालू-कांग्रेस के महागठबंधन की मियाद

नीतीश, राहुल व सोनिया (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन पर जारी महाभारत फिलहाल थमा हुआ है. सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद अभी यथास्थिति बनी हुई है. लालू फिलहाल चारा घोटाले के केस की सुनवाई में पटना-रांची एक किए हुए हैं. तेजस्वी बेनामी संपत्ति मामले में सीबाआइ के चंगुल से निकलने के लिए वकीलों की राय लेने दिल्ली रवाना हो रहे हैं. इन सबसे अलग नीतीश कुमार अपना कद और वजन लगातार चेक कर रहे हैं. हम देह के नहीं राजनीतिक कद और वजन की बात कर रहे हैं. फिलहाल वे दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के भोज के लिए निकले हैं. इन दिनो एक सवाल बिहार की राजनीति पर मंथन करने वालों के जेहन में उमड़-घुमड़ रहा है- आखिर महागठबंधन की मियाद कितनी बची है.

Wednesday, July 19, 2017

बिहारः कांग्रेस के साथ नीतीश की डील ! बच गया महागठबंधन !

अशोक चौधरी, नीतीश व लालू (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन पर जारी सियासी बवाल थम गया लगता है. मंगलवार की शाम कैबिनेट की मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले. तीनों के बीच बंद कमरे में करीब 50 मिनट तक हुई बातचीत के बाद नीतीश के तेवर नरम पड़ गए हैं. इसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीतिक जानकार यह अनुमान लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ बड़ी डील कर रहे हैं. उन्हें बिहार में महागठबंधन सरकार बचाने के एवज में यूपीए में बड़ा पद मिल सकता है. उधर, महागठबंधन में हलचल पर नजर गड़ाए भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मुलाकात के बाद टिप्पणी की- सरकार बचाने के लिए क्या नीतीश कुमार अब इस्तीफे पर फुल टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं.

Tuesday, July 18, 2017

उपराष्ट्रपति चुनावः गोपाल कृष्ण गांधी को मात देंगे वेंकैया नायडू !

वेंकैया नायडू, एनडीए के उपराष्ट्रपति प्रत्याशी (साभार फाइल फोटो)
उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी वेंकैया नायडू मजबूत और एकजुट विपक्ष के साझा प्रत्याशी गोपाल कृष्ण गांधी को मात दे सकते हैं. भाजपा ने इसके लिए रणनीति बना ली है. उसने दक्षिण के राज्य आंध्र प्रदेश से उम्मीदवार चुना है. उसे उम्मीद है कि दक्षिण में विपक्ष के कई सांसदों को वह वेंकैया के नाम पर लुभा लेगी. वेंकैया नायडू राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद की तरह ही साफ-सुथरी छवि और भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता माने जाते हैं. वे राज्यसभा में लगातार कई टर्म चुनकर जाते रहे हैं. इसलिए वे सरकार के अल्पमत वाले इस सदन को बेहतर ढंग से चला सकते हैं. उधर, विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पौत्र हैं. वे भी साफ-सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं.

Monday, July 17, 2017

उपराष्ट्रपति चुनावः गोपाल कृष्ण गांधी पर भाजपा जताएगी भरोसा !

गोपाल कृष्ण गांधी, विपक्ष के उपराष्ट्रपति प्रत्याशी (साभार फाइल फोटो)
राष्ट्रपति चुनाव में जीत पक्की करने के बाद भाजपा अब उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी के नाम पर मंथन कर रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने अपनी पिछली राष्ट्रपति प्रत्याशी वाली भूल सुधारते हुए महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. गांधी को जदयू समेत लगभग पूरे विपक्ष ने समर्थन दे दिया है. संभावना यह बन रही है कि भाजपा अपना प्रत्याशी खड़ा न कर  गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन दे देगी. दूसरी संभावना अपना प्रत्याशी उतारकर लड़ने की है. भाजपा ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं.

Saturday, July 15, 2017

बिहारः अब कभी भी टूट सकता है नीतीश-लालू का महागठबंधन

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व बिहार के सीएम नीतीश कुमार (साभार फाइल फोटो)
बिहार में ढाई साल से चल रही महागठबंधन सरकार कभी भी गिर सकती है. राजद और जदयू में तल्खी निर्णायक मोड़ पर जा पहुंची है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सुलह कराने की कोशिशें काम नहीं आईं. लालू ने सोनिया से फोन पर किसी भी बातचीत के होने से ही इनकार कर दिया. वे अपने राजनीतिक वारिश तेजस्वी यादव के बिहार के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे को तैयार नहीं हैं. उधर, नीतीश कुमार इस्तीफे से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं. लालू ने स्पष्ट कर दिया है कि वे महागठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे. लेकिन तेजस्वी के सवाल पर कोई समझौता भी नहीं करेंगे. वे 27 अगस्त को राजद की रैली में सारे सवालों के जवाब देंगे.

Friday, July 14, 2017

बिहारः नीतीश होंगे 2019 में विपक्ष के पीएम उम्मीदवार ! सोनिया ने चला दाव !

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन की टूट की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस कदर चिंता है कि उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी का भविष्य भी दाव पर लगा दिया है. खबर आ रही है कि नीतीश और लालू के साथ बातचीत में उन्होंने महागठबंधन को बचाने के लिए मध्य मार्ग अपनाने की सलाह दी है. किसी ऐसी युक्ति पर काम करने की सलाह दी है जिससे नीतीश की इच्छा भी पूरी हो जाए और महागठबंधन भी बचा रहे. इसके तहत लालू तेजस्वी का इस्तीफा लेकर अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य को उप मुख्यमंत्री बनवा सकते हैं. खबर है कि नीतीश को लुभाने के लिए सोनिया गंधी ने अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक दाव खेला है. उन्होंने नीतीश कुमार को यूपीए में बड़ा पद देने और फिर वर्ष 2019 के चुनाव में पीएम पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर विचार करने का आश्वासन दिया है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं होंगे. हालांकि यह पर्दे की पीछे का खेल बताया जा रहा है. इसकी आधिकारिक पुष्टि न तो कांग्रेस और न ही जदयू ने की है. लेकिन सोनिया के इस दाव के बाद बिहार में राजद पर हमलावर हुआ जदयू अब नरम पड़ गया है. अगर सच में कांग्रेस की तरफ से नीतीश को यह बड़ा निमंत्रण मिला है, तो आने वाले दिनों में इसका स्पष्ट संकेत भी मिल जाएगा.

अब उड़कर पहुंचेंगे पटना से दरभंगा, भागलपुर और पूर्णिया

दरभंगा में एयरफोर्स के हवाई अड्डे पर पीएम नरेंद्र मोदी (साभार फाइल फोटो)
लंबे इतजार के बाद केंद्र और बिहार सरकार ने बिहार के दूसरे दर्जे के शहरों के हवाई अड्डों से नॉन शिड्यूल विमान सेवा शुरू किये जाने को हरी झंडी दे दी है. शुक्रवार को इस संबंध में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गणपति राजू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. बिहार सरकार की तरफ से कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा और नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से संयुक्त सचिव उषा पाडी मौजूद रहेंगी. नागर विमानन मंत्रालय के सचिव आरएन चौबे, एयरपोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन डा. जीपी महापात्र भी मौजूद रहेंगे.

बिहारः महागठबंधन तोड़ने को बेकरार जदयू, तो टूटेगी पार्टी भी...

जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन की टूट अब निश्चित लगने लगी है. जदयू लगातार हमलावर है तो राजद रक्षात्मक मुद्रा में. शुक्रवार को जदयू प्रवक्ता नीरज ने सीधे-सीधे लालू से सवाल किया कि वो बताएं कि इतनी संपत्ति कहां से लाए. यह संकेत है कि नीतीश अब अलगाव के रास्ते पर बढ़ चले हैं. लेकिन यदि महागठबंधन टूटता है तो दोनों ही पार्टियों पर टूट का खतरा होगा. जिन विधायकों या मंत्रियों को सत्ता सुख से वंचित रहना गवारा नहीं, वे बिना देर किए पाला बदलने को तैयार बैठे होंगे. हालांकि दोनों ही पार्टियां यह दावा कर रही हैं कि महागठबंधन टूटने पर वे सरकार बना लेंगीं. जैसे दोनो को एक-दूसरे को तोड़ लेने का पुख्ता विश्वास है.

Thursday, July 13, 2017

बिहारः भाजपा का कसता शिकंजा, महागठबंधन को कब तक ढोएंगे नीतीश


प्रतीकात्मक साभार फाइल फोटो
बिहार की महागठबंधन सरकार आखिरी सांसे गिन रही है. कानूनी मुसीबत में घिरे लालू परदे के पीछे से इसे बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. हालांकि ऊपर से उनकी ठनक काफी हद तक अभी बरकरार है. उधर, नीतीश के लिए महागठबंधन बनाए रखना सांप-छुछुंदर के हाल जैसा बनता जा रहा है. वे इसे उगल देने या निगले रखने की दुविधा में हैं. इस खेल में पावरफुल रेफरी की भूमिका में भाजपा है, जो हर हाल में इस गेम को जल्द ओवर करने की फिराक में लगी है. इस बीच अब इतना तो तय हो गया है कि वक्त से पहले बिहार की सियासत का यह गेम ओवर हो जाएगा.

Wednesday, July 12, 2017

बिहारः तेजस्वी नहीं, नीतीश देंगे इस्तीफा !

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार (साभार फाइल फोटो)
बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि महागठबंधन सरकार पर गहरे संकट के बादल हैं. दोनो बड़े सहयोगी नीतीश और लालू में ठन चुकी है. लालू ने अपनी सत्ता व परिवार बचाने के लिए नीतीश को काफी ढील दी. लेकिन जब परिवार और सत्ता दांव पर लग गए तो वे राजनीतिक साख बचाने के लिए महागठबंधन को तिलांजलि देने को भी तैयार हो गए हैं. उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी यादव के इस्तीफे की जदयू की मांग को उन्होंने ठुकरा दिया है. जदयू के चार दिनों के इस्तीफे के अल्टीमेटम को लालू ने चार घंटे में ही खारिज कर दिया. इन सबके बीच कांग्रेस की ओर से महागठबंधन बचाने की कोशिशें जारी हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि चार दिनों बाद महागठबंधन सरकार का क्या भविष्य होगा, अगर यह सरकार चली जाती है तो बिहार में किसकी सरकार बनेगी. आइए, इसका विश्लेषण करते हैं.

Tuesday, July 11, 2017

क्या नीतीश करेंगे आर-पार का फैसला

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार (साभार फाइल फोटो)
बिहार की राजनीति में जारी हलचल धीरे-धीरे भूचाल की ओर बढ़ रही है. बेनामी संपत्ति मामले में फंसा लालू का परिवार अब भी इस मुगालबे में है कि वह किसी न किसी दाव-पेच से फौरी तौर पर इस मुसीबत से निकल ही जाएगा. लालू ने नीतीश को दो टूक जवाब दे दिया है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. उधर, लालू के इस दो टूक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन के भारी दबाव में आ गए हैं. उन्हें विपक्ष ने आर या पार रहने की चुनौती दे डाली है. विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए गोपाल कृष्ण गांधी का नाम तय कर दिया गया है. उनके लिए विपक्ष के इस फैसले के साथ जाना सहज नहीं होगा. अब नीतीश के लिए ‘एक रास्ता’ चुनना उनकी मजबूरी होगी. या फिर सत्ता का मोह छोड़ सरकार गिराकर मध्यावधि चुनाव में जाना होगा.

Monday, July 10, 2017

मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा बिहार

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पीएम नरेंद्र मोदी व बिहार के सीएम नीतीश कुमार (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन के सबसे बड़े सहयोगी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद बेटी मीसा भारती और उप मुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के चल रहे मामलों से परिवार और पार्टी दोनो संकट में हैं. दूसरे सहयोगी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर न्यूट्रल रुख अख्तियार कर चुके हैं. इस बीच लालू ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया है. पिछले कई महीनों से महागठबंधन की मर्यादा से बाहर जाकर किए गए नीतीश के कई चौंकाने वाले फैसलों से महागठबंधन पहले ही कमजोर हो चुका है. ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार लालू व उनके परिवार के राजनीतिक अवसान को आखिर-आखिर तक देखना चाहते हैं. वे महागठबंधन को उसकी मौत मरने देना चाहते हैं. ऐसे में लालू सत्ता का मोह छोड़ जनता के बीच जाने की राह अख्तियार कर सकते हैं. तब बिहार में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं. भाजपा भी इसी का इंतजार कर रही है.

Sunday, July 9, 2017

बेंगलुरू-हैदराबाद नहीं, झारखंड के जंगलों से चलता है साइबर क्राइम का राज

साइबर अपराध के आरोपितों को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस (साभार फाइल फोटो)
झारखंड के देवघर जिले के सारठ के इलाके में बीपीएल परिवार का एक व्यक्ति संदीप महरा कीमती प्लॉट खरीदकर आलीशान मकान बना रहा है. महज कुछ सालों पहले तक वह खेत मजदूर था. उसके पास अपनी झोपड़ी के अलावा कोई जमीन तक नहीं थी. न तो उसकी कोई लॉटरी लगी और न ही किसी व्यवसाय में उसे कोई फायदा हुआ. बावजूद उसकी यह चमत्कारिक तरक्की हैरत में डालती है. करीब दो साल पहले पुलिस साइबर क्राइम के आरोप में उसके घर छापेमारी के लिए पहुंची थी. लेकिन गांव के लोगों को इस बात का विश्वास नहीं हुआ और उसे पुलिस से झड़प करके छुड़ा लिया गया था.