Saturday, July 15, 2017

बिहारः अब कभी भी टूट सकता है नीतीश-लालू का महागठबंधन

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व बिहार के सीएम नीतीश कुमार (साभार फाइल फोटो)
बिहार में ढाई साल से चल रही महागठबंधन सरकार कभी भी गिर सकती है. राजद और जदयू में तल्खी निर्णायक मोड़ पर जा पहुंची है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सुलह कराने की कोशिशें काम नहीं आईं. लालू ने सोनिया से फोन पर किसी भी बातचीत के होने से ही इनकार कर दिया. वे अपने राजनीतिक वारिश तेजस्वी यादव के बिहार के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे को तैयार नहीं हैं. उधर, नीतीश कुमार इस्तीफे से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं. लालू ने स्पष्ट कर दिया है कि वे महागठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे. लेकिन तेजस्वी के सवाल पर कोई समझौता भी नहीं करेंगे. वे 27 अगस्त को राजद की रैली में सारे सवालों के जवाब देंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी व बिहार के सीएम नीतीश कुमार (साभार फाइल फोटो)
शुक्रवार को सोनिया गांधी की पहल पर थोड़े समय के लिए राजद-जदयू प्रवक्ताओं की तकरार कम हुई थी. लेकिन शनिवार को जदयू नेता श्याम रजक की लालू पर सीधी तल्ख टिप्पणी से यह लगने लगा है कि महागठबंधन अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है. श्याम रजक ने कहा कि यदि राजद शहाबुद्दीन पर कार्रवाई देख सकता है तो तेजस्वी पर क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि लालू उम्रदराज हो गए हैं. वे अंट-शंट बोल रहे हैं. इसके एक दिन पहले जदयू प्रवक्ता नीरज ने कहा था कि लालू अपने परिवार की संपत्ति का हिसाब दें. वे बताएं कि यह अकूत संपत्ति उनके पास कहां से आई. उसके पहले जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि तेजस्वी को हिसाब देना ही होगा.

दोनो दलों के बीच खाई बढ़ती जा रही है. यह कहना भी ठीक नहीं होगा कि सरकार के जाने की सूरत में अब राजद बाहर से समर्थन देकर महागठबंधन को बचाए रखने को राजी होगा. ऐसे में नीतीश के पास तीन विकल्प बचते हैं. पहला यह कि वह भाजपा के साथ जाकर बहुमत की सरकार बनाएं. दूसरा यह कि वे भाजपा का बाहर से समर्थन लेकर सरकार चलाएं. तीसरा यह कि वे विधानसभा भंग कर मध्यावधि चुनाव में जाएं. लेकिन तीसरे विकल्प में खतरा ज्यादा है. नीतीश कुमार अकेले न तो भाजपा और न ही राजद से मुकाबला करने में सक्षम दिख रहे हैं. इसलिए बहुत संभव है कि भाजपा के साथ कड़े समझौते के तहत उन्हें सरकार बनानी होगी. भाजपा इस बार नीतीश के आगे झुककर उन्हें ज्यादा छूट देने के मूड में नहीं है. देखना होगा कि घटनाक्रम किस मोड़ पर पहुंचता है. कोई चमत्कार इस महागठबंधन को बचा पाता है या नहीं.

1 comment:

  1. महागठबंधन टूटा, जदयू भी टूटेगा.

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