Wednesday, July 19, 2017

बिहारः कांग्रेस के साथ नीतीश की डील ! बच गया महागठबंधन !

अशोक चौधरी, नीतीश व लालू (साभार फाइल फोटो)
बिहार में महागठबंधन पर जारी सियासी बवाल थम गया लगता है. मंगलवार की शाम कैबिनेट की मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष सह शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले. तीनों के बीच बंद कमरे में करीब 50 मिनट तक हुई बातचीत के बाद नीतीश के तेवर नरम पड़ गए हैं. इसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीतिक जानकार यह अनुमान लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ बड़ी डील कर रहे हैं. उन्हें बिहार में महागठबंधन सरकार बचाने के एवज में यूपीए में बड़ा पद मिल सकता है. उधर, महागठबंधन में हलचल पर नजर गड़ाए भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मुलाकात के बाद टिप्पणी की- सरकार बचाने के लिए क्या नीतीश कुमार अब इस्तीफे पर फुल टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं.


सुशील मोदी का ट्वीट
बिहार की महागठबंधन सरकार पर आया संकट टल गया है या नहीं, इस पर अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी. लेकिन परिस्थितियां जिस तेजी से बदली हैं उसमें कयासों और अटकलों का दौर जारी है. महज कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हर हाल में महागठबंधन बचाने के लिए नीतीश और लालू से फोन पर बात की थी. कांग्रेस ने राज्य स्तर पर भी सुलह की कवायद की थी. उसके बाद नीतीश के तेवर नरम पड़ने शुरू हो गए. उनके प्रवक्ता भी हमलावर होने से बचने लगे. बाद के दिनों में नीतीश की चुप्पी गहरी होती गयी. मंगलवार को जब कैबिनेट की मीटिंग हुई तो मीडिया को सचिवालय के गेट पर ही रोक दिया गया. कुछ ही दिनों पहले पटना में एक सरकारी कार्यक्रम में जिस उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के नेम प्लेट तक को नीतीश के बगल में से हटा दिया गया था उन्हीं के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की अगुआई में बंद कमरे में चली मुलाकात ने काफी कुछ स्पष्ट कर दिया. बंद कमरे की इस बैठक को मीडिया व भाजपा के लिए एक संदेश के तौर पर भी पेश किया गया. समझा जाता है कि नीतीश अपने स्टैंड से बैक हो गए हैं. अब डैमेज कंट्रोल के लिए आगे कवायद शुरू होगी.

नीतीश व तेजस्वी (साभार फाइल फोटो)
उधर, एक चैनल के साथ ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में जदयू के प्रवक्ता श्याम रजक ने निराश होकर कहा कि कुछ नहीं होने वाला है. सब लोग अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं. सिद्धांतविहीन राजनीति है. वहीं दूसरे प्रवक्ता संजय सिंह ने भी ऑफ द रिकॉर्ड कहा कि अगर नीतीश कार्रवाई करेंगे तो लालू भी कार्रवाई करेंगे. चैनल ने इस ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत को प्रसारित कर जदयू के भीतर चल रही सोच को उजागर कर दिया. राजनीतिक हलकों में इसका यह मतलब लगाया जा रहा है कि जदयू नीतीश तो राजद लालू की पॉकेट की पार्टी होकर रह गई है. वे जो चाहेंगे, जहां और जैसी डील करेंगे, बाकी सबको माननी पड़ेगी.

बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने ट्वीटर पर कमेंट करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर जदयू ने करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बिंदुवार और तथ्यात्मक जवाब मांगने वाले ताबड़तोड़ बयान दिए. अब कहा जा रहा है कि न मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगा और न इसके लिए समय सीमा तय की. सुमो के इस बयान से भाजपा की छटपटाहट साफ दिखती है.

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