कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (साभार फाइल फोटो) |
बिहार के सीएम नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (साभार फाइल फोटो) |
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस बड़े दाव के बाद भाजपा की नीतीश को लुभाने की कवायद पर पानी फिर सकता है. भाजपा अब तक फील गुड के तहत 2019 की लड़ाई को आसान मान रही थी. उसे बंटे हुए कमजोर विपक्ष से मुकाबले का अनुमान था. लेकिन अगर मुकाबला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले विपक्ष से होता है तो उसके लिए लड़ाई बराबरी की हो सकती है. तब उसे आगे के दो वर्षों में खुद को मजबूती के साथ तैयार करना होगा. उसे विपक्ष में फूट डालने और कांग्रेस को कमजोर करने के लिए नयी रणनीति बनानी होगी.
हालांकि इसका एक दूसरा पक्ष भी है. सोनिया की कवायद पर नीतीश कुमार कितने गंभीर हैं, यह देखना होगा. फिलहाल केंद्र में भाजपा की सरकार है उनका झुकाव भी उसकी तरफ है. वे अपना पूरा फायदा-नुकसान देखकर ही अगला कदम बढ़ाएंगे.
हालांकि इसका एक दूसरा पक्ष भी है. सोनिया की कवायद पर नीतीश कुमार कितने गंभीर हैं, यह देखना होगा. फिलहाल केंद्र में भाजपा की सरकार है उनका झुकाव भी उसकी तरफ है. वे अपना पूरा फायदा-नुकसान देखकर ही अगला कदम बढ़ाएंगे.
कांग्रेस की चाल कामयाब नहीं होगी. राजद विद्रोह कर देगा,और वैसे भी सोनिया जी ने नितीश जी को मोहरा बनाना चाह रही है वह नितीश जी भली-भांति समझ रहें होंगे.
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