Thursday, January 19, 2017

...तो बिहार में नहीं बनेगी मानव श्रृंखला !



शराबबंदी पर दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी में जुटी बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट के कड़े सवालों का जवाब देना पड़ रहा है। कोर्ट इस मानव श्रृंखला के दौरान कई घंटों तक हाईवे को बंद रखने, स्कूली बच्चों को इसमें शामिल किए जाने व मरीजों की बढ़ने वाली परेशानियों की आशंका को लेकर सख्त है। दरअसल ये कुछ ऐसे बुनियादी सवाल हैं जो लोगों के मन में उठ रहे हैं। इसे लेकर अधिवक्ता शशिभूषण कुमार ने जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है। सरकार अगर इन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो मानव श्रृंखला पर रोक लग सकती है या इसे संशोधित प्रारूप के तहत बनाने की इजाजत मिल सकती है।


नासा और इसरो के सैटेलाइट कैमरों से इस मानव श्रृंखला को कवर करके बिहार विश्व रिकार्ड बनाना चाहता है। निश्चित तौर पर यह हर बिहारवासी के लिए यह गौरव की बात होगी। लेकिन करोड़ों लोगों की परेशानियों को लेकर उठ रहे सवाल भी लाजिमी हैं।


घंटों सामान्य यातायात ठप रहने के बाद जब हाईवे खुलेंगे तो महाजाम से निपटने की क्या व्यवस्था की गई है। यह महाजाम न सिर्फ बिहार बल्कि पड़ोसी राज्यों यूपी, झारखंड, पश्चिम बंगाल व अंतरराष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा से आवागमन करने वालों के लिए भी बड़ी मुसीबत बन सकता है। इस जाम में फंसकर मरीजों की फजीहत हो सकती है, उनकी जान जा सकती है। स्कूलों के छोटे बच्चों को घंटों सड़क पर खड़े रखना कितना मानवीय व कानून सम्मत है।


दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में से एक इस मानव श्रृंखला को लेकर सरकार कितनी तैयार है, यह सबसे अहम सवाल है। परिस्थियों पर गौर करें तो इस राज्य में छठ, दुर्गापूजा व मकर संक्रांति जैसे आयोजन में बड़ी संख्या में मासूमों की जान जाती रही है। फिर इतने बड़े आयोजन के लिए किस प्रकार की सावधानियां बरती जा रही हैं, यह सरकार कोर्ट को बताएगी। उसके बाद ही यह फैसला होगा कि 21 जनवरी की प्रस्तावित मानव श्रृंखला बनेगी, संशोधित होगी या रुकेगी।

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