Wednesday, April 26, 2017

जीय हो बिहार के लाल, कर देहल दिल्ली में कमाल...

लोगों को संबोधित करते मनोज तिवारी (साभार फाइल फोटो)
दिल्ली के सभी तीनों नगर निगमों के चुनाव में भाजपा जबर्दस्त बहुमत लेकर आई है। उसने कांग्रेस और आप को दूसरे और तीसरे नंबर पर धकेल दिया है। यह कमाल कर दिखाया है बिहार के लाल मनोज तिवारी ने। मनोज मूल रूप से भोजपुरी फिल्मों और स्टेज शो के कलाकार हैं। उन्हें पहली बार दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद की जवाबदेही मिली थी। उन पर 35 फीसद बिहारी और पूर्वी यूपी के वोटरों को अपने समर्थन में करने की जवाबदेही थी। ये वोटर परंपरागत रूप से कांग्रेस के रहे हैं और आम आदमी पार्टी की लहर में अरविंद केजरीवाल के साथ चले गए थे। मनोज अपनी पहली ही पारी में टीम मोदी में अपनी जगह पक्की कर गए।
एमसीडी चुनाव में प्रचार करते मनोज तिवारी (साभार फाइल फोटो)
मनोज तिवारी के नेतृत्व में भाजपा ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की 104 में से 70, उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 103 में से 64 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की 63 में से 47 सीटें जीती हैं। भाजपा ने कुल 270 में से 181 सीटें जीती हैं। जबकि कांग्रेस को 30, आप को 48 और अन्य के खाते में 11 सीटें गई हैं। इस चुनाव में मनोज ने कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने सैकड़ों सभाएं की थीं। झुग्गी झोपड़ियों में जाकर बिहार के लोगों को समझाते थे। पिछले लोकसभा चुनावों में उन्होंने जो मेहनत की थी वह भी काम आया। मनोज आम आदमी पार्टी के तिलस्म को तोड़ने में कामयाब हुए। बिहार के सत्ताधारी दल जदयू ने भी जबर्दस्त प्रचार किया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां कई दिनों तक कैंप कर प्रचार किया था। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।

स्टेज कलाकार मनोज तिवारी (साभार फाइल फोटो)
एक फरवरी 1971 को बिहार के कैमूर में जन्में मनोज तिवारी पेशे से भोजपुरी गायक और अभिनेता हैं। दस वर्षों तक भोजपुरी स्टेज शो करने के बाद 2003 में उनकी सुपर हिट भोजपुरी फिल्म आई ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’। उसके बाद मनोज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ‘बंधन टूटे ना’ और ‘दरोगा बाबू आइ लव यू’ ने उन्हें शिखर पर पहुंचा दिया। 2010 में उन्होंने चर्चित टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में हिस्सा लिया। उन्होंने अनुराग कश्यप निर्देशित चर्चित फिल्म ‘गैंग्स ऑफ बासेपुर’ में एक लोकप्रिय गीत ‘जीय हो बिहार के लाला’ गाया था। मनोज बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से भी जुड़े। वे 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े। लेकिन हार गए। 2014 के लोकसभा चुनावों में वे भाजपा की ओर से उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार बनाए गए। इस बार वे जीत गए और सांसद बने। भाजपा ने एमसीडी चुनाव के पहले उन्हें दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दी थी। उनपर 35 फीसद बिहारी और पूर्वी यूपी के वोटरों का समर्थन हासिल करने की बड़ी जवाबदेही थी। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।



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