नीतीश कुमार (साभार फाइल फोटो) |
नीतीश कुमार का यह निर्णय बिहार के उन वोटरों को एक संदेश है जो योगी आदित्यनाथ के हालिया फैसलों की तारीफ करते हुए योगी की तुलना नीतीश से कर रहे थे। दरअसल नीतीश की पैनी नजर योगी के फैसलों पर है। वे योगी के उन फैसलों से सबक जरूर लेंगे जिनसे उनका बिहार में वोट बैंक दरकने का खतरा है। लेकिन वे योगी के उन फैसलों की आलोचना कर लाभ उठाना भी चाहेंगे जिनसे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़े।
योगी आदित्यनाथ (साभार फाइल फोटो) |
नीतीश कुमार के सामने भारी बहुमत से जीत कर आए अपने दो पड़ोसियों यूपी के योगी आदित्यनाथ व झारखंड के रघुवर दास की बड़ी चुनौतियां हैं। रघुवर दास ने हाल में देवघर हवाई अड्डे को विकसित करने के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया है। वे जमशेदपुर में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाना चाहते हैं। ये तो उदाहरण भर हैं। बिहार के लोगों खासकर मीडिया की पैनी नजर पड़ोसी राज्यों में चल रही गतिविधियों पर है। ऐसे में नीतीश कुमार के सामने बिहार में झारखंड व यूपी के मुकाबले विकास की बड़ी लकीर खींचने की चुनौती है। बिहार के लोग नीतीश से ये उम्मीद कर सकते हैं। क्योंकि यहां नीतीश कुमार को विकास पुरुष कहा जाता है।
नीतीश जी के लिए योगी और रघुवर फार्मूला अपनाना मुश्किल है. नीतीश जी बाघ और शेर के मांद से निकल नहीं सकते !
ReplyDeleteअभी गुपचुप तरीके से अवैध बूचर खाने पर नकेल करने का आदेश आया है, देखते जाइए आदेश वापस हो जाएगा.